इस लाजवाब शायरी को खुद बॉलीवुड के सुपरस्टार शहंशाह अमिताभ बच्चन ने किया शेयर
ये कैसा सौदा वक्त मुझसे कर गया तजुर्बे देके मेरी नादानियां ले गया…
bollywood shayaris amitabh bachchan shayari
ये कैसा सौदा वक्त मुझसे कर गया
तजुर्बे देके मेरी नादानियां ले गया…
*कश्मकश*
साहिल पे बैठा मैं…
कभी ये सोचता हूं ,
कौन ज़्यादा मजबूर है ?
ये किनारा.. जो चल नहीं सकता,
या
वो लहर .. जो ठहर नहीं सकती ?
T 3952 –
ये कैसा सौदा वक्त मुझसे कर गया
तजुर्बे देके मेरी नादानियां ले गया…*कश्मकश*
साहिल पे बैठा मैं…
कभी ये सोचता हूं ,
कौन ज़्यादा मजबूर है ?
ये किनारा..
जो चल नहीं सकता,
या वो लहर ..
जो ठहर नहीं सकती ?——————
अनाम— Amitabh Bachchan (@SrBachchan) June 30, 2021
दर्द सबके एक है,
मगर हौंसले सबके अलग-अलग है,
कोई हताश हो के बिखर गया
तो कोई संघर्ष करके निखर गया !
कारवाँ ए जिंदगी
हसरतों के सिवा
कुछ भी नहीं
ये किया नहीं, वो हुआ नहीं
ये मिला नहीं, वो रहा नहीं..
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दूरियाँ
तो पहले ही आ चुकी थी ज़माने में ,
कोरोना ने आकर
इल्ज़ाम अपने सर ले लिया
मँज़िले बड़ी ज़िद्दी होती हैँ ,
हासिल कहाँ नसीब से होती हैं !
मगर वहाँ तूफान भी हार जाते हैं ,
जहाँ कश्तियाँ ज़िद पर होती हैँ !
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