शायरी : लफ़्ज़ों में हो हर बात जरूरी तो नहीं…
खामोशियाँ भी कहती हैं, बहुत कुछ - कभी सुनो तो सही...
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लफ़्ज़ों में हो हर बात
जरूरी तो नहीं
खामोशियाँ भी कहती हैं बहुत कुछ
कभी सुनो तो सही
shayari : इश्क के रिश्ते कितने अजीब होते है, दूर रहकर भी कितने करीब होते है
इश्क के रिश्ते कितने अजीब होते है
दूर रहकर भी कितने करीब होते है
मेरी बर्बादी का गम न करो
ये तो अपने-अपने नसीब होते हैं
Shayari : दिल को थोडा़ कमीना बनाओ, ज्यादा शरीफ बनाओगें, तो धड़कने भी परेशान करने लगेंगी.
आस एक झूठी ही दे जाओ
कि बहला सकूँ उसे…
आँगन में शाम तो आयेगी
तेरे जाने के बाद भी..!!
शायरी : बँधी हैं सबके हाथों में घडियाँ मगर, पकड में किसी के एक लम्हा भी नहीं
मोहब्बत उसी को आज़माती है
जो हर मोड़ पर चलना जानता है….!!
कुछ “पाकर” तो हर कोई मुस्कुराता है,
मोहब्बत शायद उनकी ही होती है,
जो बहुत कुछ “खोकर” भी मुस्कुराना जानता है.
शायरी : एक खिलौना ही तो हूँ. मैं आपके हाथों का,रुठते तुम हो और टूटता मैं हूँ
जाने कौन सी शौहरत पर
आदमी को नाज़ है….
जो खुद, आखरी सफर के लिए भी
औरों का मोहताज़ है.
चाहत शायरी : नजर की स्याही से लिखेंगे तुम्हें हजार चिठ्ठियाँ…!!
बंजर नहीं हूं मैं….
मुझमें बहुत सी नमी है……!
दर्द बयां नही करता….
बस इतनी सी कमी है…..!!!!
शायरी : आस एक झूठी ही दे जाओ कि बहला सकूँ उसे, आँगन में शाम तो आयेगी तेरे जाने के बाद भी..!!
अहमियत
*उनकी ज्यादा होती है…
अहम
*जिनमें कम होते हैं.!…
शायरी : शाॅपिंग में मशगूल बीवी का सब्र से साथ देना भी, मुहब्बत है गालिब…
जिंदगी मुझको “सा रे ग म”
सुना कर गुदगुदाती रही..
मैं कम्बख़्त उसको “सारे गम”
समझ कर कोसता रहा…!!
रब ने न जाने कितनों की
तकदीर संवारी है,
काश आज वो मुस्कुरा के कह दे,
आज मेरी बारी है..!
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( इनपुट सोशल मीडिया से )