सब कंफ्यूजन को कर लो दूर 24 अक्टूबर को ही है दिवाली, जानें सभी शुभ मुहूर्त-पूजन विधि सहित
जानें Diwali 2022 के प्रदोष काल, निशिता काल और चौघड़िया पूजा का मुहूर्त
diwali kab hai 24 october ko hai deepawali diwali laxmi pujan vidhi diwali puja 2022
भारत के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक दिवाली इस महीने ही है l दीपों के इस त्यौहार को लेकर हिन्दुओं में काफी उत्सकुता होती है l
इस बार कई लोग दिवाली यानी दीपावली की तारीख को लेकर काफी कंफ्यूज है l
कई लोग 24-25 तारीखों को लेकर कंफ्यूज है l सब कंफ्यूजन को कर लो दूर 24 अक्टूबर को ही है दिवाली l
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, दिवाली 24 अक्टूबर, 2022 को ही मनाई जाएगी।
इस दिन, भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है, जिसे दिवाली पूजा या लक्ष्मी गणेश पूजन के रूप में जाना जाता है।
और अब जानते है दिवाली के प्रदोष काल, निशिता काल और चौघड़िया पूजा का शुभ मुहूर्त l
दिवाली अमावस्या तिथि 24 अक्टूबर 2022 को शाम 05:27 बजे शुरू होगी दिवाली अमावस्या तिथि 25 अक्टूबर 2022 को शाम 04:18 बजे समाप्त होगी
प्रदोष काल मुहूर्त
- लक्ष्मी पूजन सोमवार, 24 अक्टूबर, 2022 के दिन किया जाएगा
- लक्ष्मी पूजा मुहूर्त – 06:53 PM से 08:16 PM
- प्रदोष काल – 05:43 PM से 08:16 PM
- वृषभ काल – 06:53 PM से 08:48 PM
- अमावस्या तिथि प्रारम्भ – 24 अक्टूबर, 2022 को 05:27 PM बजे
- अमावस्या तिथि समाप्त -25 अक्टूबर, 2022 को 04:18 PM बजे
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निशिता काल मुहूर्त
- लक्ष्मी पूजा मुहूर्त – 11:40 PM से 12:31 AM, अक्टूबर 25
- निशिता काल – 11:40 PM से 12:31 AM, अक्टूबर 25
- सिंह लग्न – 01:23 AM से 03:41 AM, अक्टूबर 25
चौघड़िया पूजा मुहूर्त
- दीवाली लक्ष्मी पूजा के लिये शुभ चौघड़िया मुहूर्त
- अपराह्न मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) – 05:27 PM से 05:43 PM
- सायाह्न मुहूर्त (चर) – 05:43 PM से 07:18 PM
- रात्रि मुहूर्त (लाभ) – 10:30 PM से 12:05 AM, अक्टूबर 25
- उषाकाल मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर) – 01:41 AM से 06:28 AM, अक्टूबर 25
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दिवाली पर लक्ष्मी पूजा में रखें इन बातों का ध्यान (Diwali Puja Rules)
- मां लक्ष्मी सफाई प्रिय हैं, इसलिए दिवाली के दिन साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखेंl जहां पूजा करनी है उस जगह को अच्छी तरह धोकर साफ करेंl गंगाजल छिड़कर पवित्र करेंl
- दीपावली पर मां लक्ष्मी का पूजन उत्तर-पूर्व दिशा में ही करेंl पूजा में साधक का मुख उत्तर दिशा की ओर होना उत्तम माना गया है, क्योंकि यह कुबेर की दिशा मानी गई हैl
- देवी लक्ष्मी की पूजा में तुलसी मंजरी का प्रयोग वर्जित हैंl ऐसी गलती करने पर मां लक्ष्मी आपसे रुष्ट हो सकती हैंl साथ ही पूजा में कोई भी सफेद सामग्री जैसे सफेद फूल या सफेद वस्त्र अर्पित न करेंl लक्ष्मी पूजा के लिए शुभ मुहूर्त का खास ध्यान रखेंl धन की देवी के साथ, कुबेर देव और मां सरस्वती, गणेश जी की पूजा करना न भूलेंl
- दिवाली पर मां लक्ष्मी की ऐसी तस्वीर स्थापित करें जिसमें गणेश जी दाहिनी और मां सरस्वती बाएं ओर विराजमान होंl दिवाली पर लक्ष्मी मां की ऐसी मूर्ति की पूजा न करें जिसमें वो खड़ी होंl यह मुद्रा देवी के जाने का प्रतीक मानी जाती हैl
- कलश को पूजा की चौकी पर मां लक्ष्मी की प्रतिमा के पास चावल पर रखेंl मां लक्ष्मी की प्रतिमा के दोनों ओर एक-एक तेल के दीपक लगाएं और एक सात मुखी वाला घी का दीपक देवी के सामने रखेंl
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जानिए क्यों मनाई जाती है दीपावली
धार्मिक मान्यता अनुसार अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमीं के दिन भगवान राम रावण का वध किया था, जिसके बाद भगवान राम माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे थेl लंका से अयोध्या आते वक्त उन्हें 20 दिन का समय लगा थाl जिस दिन वे अयोध्या लौटे थें उस दिन उनका 14 वर्ष का वनवास समाप्त हो गया थाl भगवान राम के अयोध्या पावसी की खुशी में लोगों ने दीपोत्सव करके जश्न मनाया थाl इसलिए हर दशहरे के 20 दिन बाद यानि कार्तिक माह के अमावस्या के दिन दीपावली का पर्व मनाया जाता हैl
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