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तालिबान का तालिबानी बयान: महिलाओं का काम सिर्फ बच्चे पैदा करना, वे मंत्री नहीं बन सकती

तालिबान (Taliban) की नई सरकार में महिलाओं को शामिल किए जाने की सभी संभावनाओं को खारिज करते हुए समूह के एक प्रवक्ता ने कहा कि महिलाओं को सिर्फ बच्चे पैदा करने तक सीमित रखना चाहिए.

Taliban statement – Women’s job is only to have children they cannot become ministers

अफगानिस्तान/नई दिल्ली (समयधारा) : अफगानिस्तान में तालिबान के राज से कई चींजों में बदलाव आयेगा l 

जहाँ एक और तालिबान महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले कही भी आगे आने नहीं देते l उन्हें नजरबंद रखने में विश्वास रखते है l

वही उनकी इस सोच में कई प्रगतिशील देश आँखें मूंदे हुए है l

कुछ साहसी अफगानी महिलाओं ने जब इसका विरोध करना चाहा तो तालिबानों ने उनपर गोलियां बरसा दी l

जिसपर भी किसी देश ने कोई जरुरी कदम नहीं उठाया l आज समाज में जो हो रहा है उसके दोषी हम ही है l 

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अब अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) की नई सरकार में महिलाओं को शामिल किए जाने की सभी संभावनाओं को खारिज करते हुए

समूह के एक प्रवक्ता ने कहा कि महिलाओं को सिर्फ बच्चे पैदा करने तक सीमित रखना चाहिए।

हालांकि, एक कट्टर तालिबान सरकार के गठन से नाराज, अफगानिस्तान की सैकड़ों महिलाएं,

अपनी जान जोखिम में डालकर, इसके विरोध में सड़कों पर उतर आई हैं।

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Taliban statement – Women’s job is only to have children they cannot become ministers

TOLO न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में तालिबान के प्रवक्ता सैयद जकरुल्ला हाशिमी ने विरोध प्रदर्शनों

और केवल पुरुष सरकार पर लोगों की नाराजगी पर कहा,

“एक महिला मंत्री नहीं हो सकती, ये ऐसा है जैसे आप उसके गले में कुछ डालते हैं, जिसे वह नहीं उठा सकती।”

उन्होंने आगे कहा, “महिलाओं को सिर्फ बच्चे पैदा करने चाहिए एक महिला के लिए कैबिनेट में होना जरूरी नहीं है।”

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उन्होंने कहा कि ये महिला प्रदर्शनकारी अफगानिस्तान में सभी महिलाओं का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकती हैं।

अगस्त में देश में तालिबान के शासन की वापसी के बाद से नागरिक अधिकारों के मामले में अफगान महिलाएं

पिछले दो दशकों में मिले अपने सभी अधिकारों को खोने के डर से जूझ रही हैं।

भले ही तालिबान ने महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करने का और उन्हें नौकरी पेशा करने देने का वादा किया,

लेकिन अब तक कई ऐसे उदाहरण आ चुके हैं, जिससे वहां की महिलाओं अपनी सुरक्षा और अधिकार की मांग के लिए सड़कों पर उतरना पड़ा है।

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Taliban statement – Women’s job is only to have children they cannot become ministers

मालूम हो कि तालिबान ने जब आखिरी बार 1996 से 2001 तक अफगानिस्तान पर शासन किया था,

तब महिलाएं काम नहीं कर सकती थीं, लड़कियों को स्कूल जाने की अनुमति नहीं थी और महिलाओं को अपना चेहरा ढंकना पड़ता था

और अगर वे अपने घरों से बाहर निकलना चाहती थीं, तो उनके साथ एक पुरुष रिश्तेदार होना भी अनिवार्य था।

इससे पहले कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, तालिबान ने अफगानिस्तान में महिलाओं के खेलों पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।

ऑस्ट्रेलिया के SBS TV ने तालिबान के एक प्रवक्ता के हवाले से कहा कि महिलाओं के खेल खेलने पर प्रतिबंध लगाने के बाद रिपोर्ट आई है।

उन्होंने विशेष रूप से क्रिकेट को इस लिस्ट में सबसे ऊपर रखा है।

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वहीं काबुल में अफगानिस्तान की नई अंतरिम पुरुष सरकार का विरोध कर रही अफगान महिलाओं को बुधवार को तालिबान ने खदेड़ दिया।

CNN ने बताया कि तालिबान ने विरोध पर कार्रवाई में महिला प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कोड़े और लाठियों का इस्तेमाल किया।

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