![Chinese artificial sun is 10 times more powerful than the real sun, चीन ने नकली सूर्य भी बना लिया...चीनी सूरज-असली सूरज से 10 गुना शक्तिशाली](/wp-content/uploads/2021/06/chinese-artificial-sun_optimized.jpg)
Chinese artificial sun is 10 times more powerful than the real sun
नई दिल्ली (समयधारा) : हम अभी तक टेक्नोलॉजी में इतना कुछ नहीं कर पायें जितना की हमारे पड़ोसी मुल्क कर गएँ l
भारत के पास भी अंतरिक्ष में उपलब्धीयां कम नहीं है l पर चीन ने नकली सूरज बनाकर एक कीर्तिमान बना डाला l
मीडिया में आई एक रिपोर्ट की मानें तो चीनी वैज्ञानिकों द्वारा हाल ही में तैयार किया गया नकली यानी कृत्रिम सूरज असली सूर्य से 10 गुना अधिक ताकतवर है और यह एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाया है।
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, ये असली सूरज की तरह ही प्रकाश भी देगा और ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करेगा।
हाल ही में कृत्रिम सूर्य का तापमान, असली सूरज की तुलना में 10 गुना अधिक तक पहुंच गया।
दावा किया जा रहा है कि 10 सेकेंड में कृत्रिम सूरज का तापमान 16 करोड़ डिग्री सेल्सियस (120million°C) के करीब पहुंच गया।
खास बात यह है कि यह तापमान करीब 100 सेकंड तक कायम रहा। यानी 10 सेकंड के लिए यह प्राकृतिक सूर्य के तापमान के 10 गुने से भी अधिक गर्म रहा।
Chinese artificial sun is 10 times more powerful than the real sun
वहीं, 20 सेकेंड के लिए 10 करोड़ डिग्री सेल्सियस तापमान स्थिर किया गया।
शेंजेन स्थित दक्षिणी विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय के फिजिक्स डिपार्टमेंट के निदेशक ली मियाओं ने कहा कि
अगले कुछ हफ्तों तक स्थिर तापमान पर हमें अपने प्रोजेक्ट को चलाना है।
100 सेकेंड तक 16 करोड़ डिग्री का तापमान बनाए रखना भी अपने आपमें बड़ी सफलता है और इसे स्थिर बनाए रखना है l
चीन के अनहुई राज्य में एक रिएक्टर में इस नकली सूरज को बनाया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक इसमें न्यूक्लियर संलयन की मदद ली गई है सामान्य तौर पर इस तकनीक के जरिए हाइड्रोजन बम बनाया जाता है।
Chinese artificial sun is 10 times more powerful than the real sun
इसमें गर्म प्लाज्मा को फ्यूज करने के स्ट्रांग मैगनेटिक फील्ड का निर्माण किया जाता है, जिससे इसमें अत्यधिक गर्मी पैदा होती है।
चीन के अनहुई राज्य में एक रिएक्टर में इस नकली सूरज को बनाया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक इसमें न्यूक्लियर संलयन की मदद ली गई है,
सामान्य तौर पर इस तकनीक के जरिए हाइड्रोजन बम बनाया जाता है।
इसमें गर्म प्लाज्मा को फ्यूज करने के स्ट्रांग मैगनेटिक फील्ड का निर्माण किया जाता है, जिससे इसमें अत्यधिक गर्मी पैदा होती है।