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नयी दिल्ली (समयधारा) : नारीशक्ति वंदन विधेयक बिल (महिला आरक्षण विधेयक) लोकसभा में पास हो गया,
जहाँ इसके पक्ष में 454 वोट पड़े वही विपक्ष में भी 2 वोट पड़े l इस बिल के समर्थन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के तुरंत बाद जनगणना (Census) और परिसीमन (Delimitation) की कार्रवाई पूरी की जाएगी।
उन्होंने कहा लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण से संबंधित कानून बहुत जल्द आकार लेगा।
लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33% सीटें देने वाला महिला आरक्षण विधेयक लोकसभा ने पारित कर दिया।
उल्लेखनीय है कि 454 सांसदों ने बिल के पक्ष में वोट किया, 2 सांसदों ने इसके खिलाफ वोट किया।
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इससे पहले,
नई संसद (New Parliament) के पहले ही दिन लोकसभा (Lok Sabha) में महिला आरक्षण बिल (Women Reservation Bill) पेश किया गया।
भले ही विपक्ष ने इस बिल पर अपना समर्थन दे दिया है, लेकिन कुछ एक मद्दों को लेकर, वो विरोध करता भी दिखाई दे रहा है।
साथ ही कई पार्टियों ने महिला आरक्षण से जुड़े विधेयक को ‘चुनावी जुमला’ करार दिया और इसके समय को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि महिलाओं के साथ धोखा हुआ है,
क्योंकि इसे 2029 से पहले लागू नहीं किया जा सकेगा।
केंद्र सरकार ने संसद के निचले सदन, राज्य विधानसभाओं और दिल्ली विधानसभा में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण प्रदान करने से संबंधित
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ऐतिहासिक ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ (Nari Shakti Vandan Adhiniyam) को मंगलवार को लोकसभा में पेश किया।
इससे पहले महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण से संबंधित ‘संविधान (128वां संशोधन) विधेयक,
2023’ पर निचले सदन में चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए शाह ने विपक्षी कांग्रेस और उसके नेता राहुल गांधी पर परोक्ष निशाना भी साधा।
उन्होंने कहा, कुछ पार्टियों के लिए महिला सशक्तीकरण राजनीतिक एजेंडा हो सकता है, राजनीतिक मुद्दा हो सकता है, चुनाव जीतने का हथियार हो सकता है,
लेकिन मेरी पार्टी और मेरे नेता नरेंद्र मोदी के लिए महिला सशक्तीकरण राजनीतिक मुद्दा नहीं है, मान्यता का सवाल है, कार्य संस्कृति का सवाल है।
देश में जनगणना होने और परिसीमन होने के बाद, महिला आरक्षण से जुड़ा कानून लागू होने में कई साल लग जाने जैसी विपक्षी सदस्यों की आशंकाओं पर गृह मंत्री ने कहा कि परिसीमन आयोग अर्द्धन्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा है,
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जिसके प्रमुख सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज होते हैं और इसमें चुनाव आयोग के प्रतिनिधि और सभी दलों के एक-एक सदस्य होते हैं।
उन्होंने कहा कि ये आयोग हर राज्य में जाकर पारदर्शी तरीके से नीति निर्धारण करता है और इसके पीछे केवल और केवल पारदर्शिता का ही सवाल है।
शाह ने तत्काल नारी शक्ति वंदन अधिनियम लागू करने के राहुल गांधी समेत अनेक विपक्षी सदस्यों के सुझाव पर कहा कि
देश में महिलाओं के लिए आरक्षित होने वाली एक तिहाई सीटें कौन तय करेगा?
उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि अगर वायनाड में ऐसा हो गया तो क्या होगा? अगर हैदराबाद सीट महिला के लिए आरक्षित कर दी जाए,
तो AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी नाराज हो जाएंगे। वायनाड राहुल गांधी का संसदीय क्षेत्र है।
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गृह मंत्री ने राहुल का नाम लिए बिना उन पर निशाना साधते हुए ये भी कहा, कोई NGO उन्हें चिट बनाकर दे देता है, उसे यहां पढ़ दिया जाता है।
राजनीति के लिए लोग भाषण करते रहे, लेकिन मन से कल्याण करने का काम नरेंद्र मोदी ने किया है।
शाह ने कहा कि इस सरकार में 29 मंत्री OBC समुदाय के हैं। उन्होंने कहा कि BJP के 85 सांसद (29 प्रतिशत) OBC के,
देश में पार्टी के 1358 में से 27 प्रतिशत विधायक OBC के और 40 प्रतिशत विधान परिषद सदस्य इस वर्ग से हैं।
शाह ने कहा, ‘‘OBC का राग अलापने वालों को मैं कहना चाहता हूं कि आपकी पार्टियों ने कभी OBC को प्रधानमंत्री नहीं बनाया, भाजपा ने बनाया।
उन्होंने कहा कि पहले भी चार बार महिला आरक्षण विधेयक पारित कराने के प्रयास हो चुके हैं, लेकिन कुछ कारणों से वे आगे नहीं बढ़ सके।
उन्होंने कहा, ‘‘ क्या प्रयास अधूरे थे, क्या मंशा नहीं थी? मैं उसके कारणों में नहीं जाना चाहता और किसी पर दोषारोपण नहीं करना चाहता।’
उन्होंने कहा कि पहले भी चार बार महिला आरक्षण विधेयक पारित कराने के प्रयास हो चुके हैं, लेकिन कुछ कारणों से वे आगे नहीं बढ़ सके।
उन्होंने कहा, ‘‘ क्या प्रयास अधूरे थे, क्या मंशा नहीं थी? मैं उसके कारणों में नहीं जाना चाहता और किसी पर दोषारोपण नहीं करना चाहता।
उन्होंने कहा कि अगर इसका समर्थन आज नहीं करेगे तो भी क्या यह जल्दी आ जाएगा? तब भी 2029 के बाद ही आएगा।
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शाह ने कहा, ‘‘लेकिन अगर समर्थन करेंगे तो इसके आने की गारंटी होगी। हम शुरुआत तो करें। इसमें कोई देरी नहीं होनी है।
चुनाव के बाद तुरंत जनगणना और परिसीमन दोनों होंगे और बहुत जल्द यह कानून बनेगा। हम जो कहते हैं, वह करते हैं।’
शाह ने इसे युग बदलने वाला विधेयक करार देते हुए कहा कि सभी दलों के सदस्यों को महिला नीत विकास के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए सर्वानुमति से इस विधेयक को पारित करना चाहिए।
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शाह ने इसे युग बदलने वाला विधेयक करार देते हुए कहा कि सभी दलों के सदस्यों को महिला नीत विकास के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए सर्वानुमति से इस विधेयक को पारित करना चाहिए।
शाह ने इसे युग बदलने वाला विधेयक करार देते हुए कहा कि सभी दलों के सदस्यों को महिला नीत विकास के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए सर्वानुमति से इस विधेयक को पारित करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि महिला सशक्तीकरण की बात संविधान संशोधन से जुड़ी नहीं है और महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और सहभागिता तीनों बात सरकार की ‘सांस और प्राण’ हैं।
शाह ने कहा कि संविधान के तहत सांसद तीन श्रेणियों- अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग से आते हैं। उन्होंने कहा कि सामान्य श्रेणी में OBC के सदस्य भी होते है।
उन्होंने कहा कि इस कानून के लागू होने के बाद तीनों श्रेणियों में 33 प्रतिशत महिला आरक्षण सुनिश्चित हो जाएगा।
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उन्होंने कहा,अगर सदस्यों को लगता है कि विधेयक में कुछ अधूरा है तो उसमें कल सुधार कर लेंगे, लेकिन महिलाओं के सम्मान के लिए इसका समर्थन कीजिए।
चार बार हमने माताओं-बहनों को निराश किया है। इस बार दलगत राजनीत से ऊपर उठकर हम सब विधेयक का समर्थन करें।
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