breaking_newsअन्य ताजा खबरेंएजुकेशनएजुकेशन न्यूजदेशदेश की अन्य ताजा खबरेंराज्यों की खबरें

राइट टू एजुकेशन (RTE) नियमों में संशोधन, इन क्लास वालों पर गिरेगी गाज

RTE - नो-डिटेंशन पॉलिसी खत्म, जिसके तहत राज्य सरकारों को कक्षा 5 और 8 के छात्रों के लिए वार्षिक परीक्षा आयोजित करने का अधिकार मिल गया.

Central-Government-Amended-Rules-Of-Right-To-Education 5-8-Class-Students Who-Fail-Year-End-Exams

नईं दिल्ली (समयधारा) :  केंद्र सरकार ने 2010 के बच्चों के मुफ्त और राइट टू एजुकेशन (RTE) नियमों में संशोधन किया है l 

जिसके तहत नो-डिटेंशन पॉलिसी को खत्म कर दिया गया है। जिसके बाद से राज्य सरकारों को कक्षा 5 और 8 के छात्रों के लिए नियमित परीक्षा आयोजित करने का अधिकार मिल गया है,

जिसमें असफल होने पर छात्रों को रोकने का भी प्रावधान है। यह बदलाव लंबे टाइम से चली आ रही नो-डिटेंशन नीति से हटकर है,

जो 2009 में RTE एक्ट लागू होने के बाद से भारतीय शिक्षा प्रणाली का हिस्सा रही थी।

RTE नियमों में दिसंबर 2024 में किए गए संशोधन के अनुसार, राज्य सरकारों को कक्षा 5 और 8 के छात्रों के लिए वार्षिक परीक्षा आयोजित करने का अधिकार मिल गया है।

CBSE 10th-12th Exam Date/Time Table-15 फरवरी से शुरू होंगे एग्जाम

अगर छात्र परीक्षा में असफल होते हैं, तो उन्हें अतिरिक्त शैक्षिक सहायता दी जाएगी और दो महीने बाद दुबारा से उनको परीक्षा का अवसर मिलेगा।

अगर छात्र दूसरी बार भी फेल होते है तो उनको अगली कक्षा में नहीं भेजा जाएगा, उन्हें उसी कक्षा में रोक लिया जाएगा।

हालांकि, कक्षा 8 तक के किसी भी छात्र को स्कूल से निकालने की अनुमति नहीं होगी।

Central-Government-Amended-Rules-Of-Right-To-Education 5-8-Class-Students Who-Fail-Year-End-Exams

केंद्र सरकार के इस कदम ने देश भर में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।

UP Board Exam 2025: यूपी बोर्ड ने 10वीं और 12वीं की परीक्षा के लिए डेटशीट की जारी,जानें डिटेल

कुछ राज्य जैसे गुजरात, ओडिशा, मध्य प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक और दिल्ली ने पहले ही यह निर्णय लिया है कि वे कक्षा 5 और 8 के छात्रों को फेल होने पर रोकेंगे।

हालांकि, सभी राज्य इस बदलाव के पक्ष में नहीं हैं। केरल ने इस पर विरोध जताया है, उनका कहना है कि इससे छात्रों पर अतिरिक्त दबाव बढ़ सकता है।

बच्चों पर दबाव डालने के बजाय, शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और संघर्ष कर रहे छात्रों को अतिरिक्त सहायता देने पर जोर देना चाहिए, न कि उन्हें रिटेंशन के जरिए दंडित किया जाए।

नो-डिटेन्शन नीति, जो 2009 में RTE अधिनियम में शामिल की गई थी। इस नीति का उद्देश्य यह था कि कोई भी बच्चा,

खासकर कमजोर पृष्ठभूमि से आने वाले बच्चे परीक्षा में फेल होने के कारण अपनी पढ़ाई न छोड़े।

इस नीति के आलोचकों का कहना था कि इससे जवाबदेही और शैक्षिक कठोरता की कमी हो गई है।

हुर्रे..! Govt JOB का इस हफ्ते लगने वाली है सेल..! मौक़ा निकल न जाएँ… जल्द से यहाँ करें अप्लाई

उनका मानना था कि बच्चों को बिना आवश्यक ज्ञान के प्रमोट किया जाता था, जिससे वे उच्च शिक्षा के अधिक कठिन परीक्षा के लिए तैयार नहीं होते थे।

Central-Government-Amended-Rules-Of-Right-To-Education 5-8-Class-Students Who-Fail-Year-End-Exams

Show More

Related Articles

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Back to top button