Trending

शायरी – अश्कों से, सदमों से, जख्मों से, अजाबों से मिलता है..!

इल्म जिंदगी का, कहां दो चार किताबों से मिलता है..!

Ishq Shayari Jakhm Shayri Dard-E-Dil Shayri Hindi Sayari 

अश्कों से, सदमों से, जख्मों से,

अजाबों से मिलता है..!

इल्म जिंदगी का

कहां दो चार किताबों से मिलता है..!

इश्क शायरी : जुबां से रोक ले तो आंखो से बंया होता है

जुबां से रोक ले
तो आंखो से बंया होता है

ये इश्क है,
इसे सब्र कहां होता है…

शायरी : अपनी जिंदगी में भी लिखे है, कुछ ऐसे ही किस्से

अपनी जिंदगी में भी लिखे है

कुछ ऐसे ही किस्से

किसी ने अपना बनाकर वक्त गुजार लिया 

किसी ने वक्त गुजारने के लिए अपना बना लिया

समंदर शायरी : यह समंदर भी तेरी तरह खुदगर्ज निकला..

कुछ इस अदा से निभाना है
किरदार मेरा मुझको…!

जिन्हें मुहब्बत ना हो मुझसे
वो नफरत भी ना कर सके…!!

शायरी : शाॅपिंग में मशगूल बीवी का सब्र से साथ देना भी, मुहब्बत है गालिब…

मोहब्बत  उसी को आज़माती है
जो हर मोड़ पर चलना जानता है….!!
कुछ “पाकर” तो हर कोई मुस्कुराता है,
मोहब्बत शायद उनकी ही होती है,

जो बहुत कुछ “खोकर” भी मुस्कुराना जानता है…

शायरी : था जिनकी वफा पर नाज़ हमे, हमराज बदलते देखे हैं …

था जिनकी वफा पर नाज़ हमे,

हमराज बदलते देखे हैं …

हालात बदलते ही सबके,

अंदाज बदलते देखे हैं …!!

Ishq Shayari Jakhm Shayri Dard-E-Dil Shayri Hindi Sayari 

मोहब्बत शायरी : कुछ इस अदा से निभाना है किरदार मेरा मुझको…!

शाॅपिंग में मशगूल बीवी का
सब्र से साथ देना भी

मुहब्बत है गालिब ,

ज़रूरी नहीं हर कोई
ताज महल बनवाता फिरे ..

शायरी : आस एक झूठी ही दे जाओ कि बहला सकूँ उसे, आँगन में शाम तो आयेगी तेरे जाने के बाद भी..!!

 

शायरी : जाने कौन सी शौहरत पर आदमी को नाज़ है, जो खुद-आखरी सफर के लिए भी, औरों का मोहताज़ है.

 

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button