breaking_newsअन्य ताजा खबरेंफैशनलाइफस्टाइल
Trending

Sunday Thoughts:कोई क्या बोलता है हमारी पीठ के पीछे, मुझे फर्क

...नहीं पड़ता मुंह पर बोलने की औकात नहीं, मेरे लिए इतना काफी है।

Sunday-thoughts-Suvichar-good-morning-quotes-inspirational-motivation-quotes-in-hindi-positive

 

कोई क्या बोलता है हमारी पीठ के पीछे, मुझे  फर्क नहीं पड़ता
मुंह पर बोलने की औकात नहीं, मेरे लिए इतना काफी है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

बहुत जरूरी है ज़िन्दगी में थोड़ा खालीपन, क्योंकि……!!
यही वो समय है जहां हमारी मुलाकात हमसे होती है..

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

टूटने का मतलब खत्म होना नहीं होता,
कभी कभी टूटने से जिंदगी की नई शुरुआत होती है..!!

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

माना कि मेरे झुक जाने से सब कुछ हल हो जाएगा,
लेकिन इससे मेरे किरदार को काफी नुकसान हो जायेगा।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

वो मंज़िल ही बदनसीब थी जो हमें पा ना सकी,
वरना जीत की क्या औकात जो हमें ठुकरा दें।

 

 

यह Thoughts भी पढ़े: 

Tuesday Thoughts : किसी भी रिश्ते को बनाए रखने के लिए गिड़गिड़ाने की जरुरत नहीं

Sunday Thoughts : असफल होना बुरा है लेकिन प्रयास ही ना करना महाबुरा है

saturday Thoughts : मैं उन लोगों का आभारी हूं जिन्होंने मुझे छोड़ दिया…..

हो जाएँ बेफिक्र..! अगर आप पीते है रोजाना कॉफी तो डायबिटीज का खतरा होगा कम..!

Thought of the day : रिश्ता”बारिश जैसा नहीं होना चाहिए…

गाय से जुड़ी सोशल मीडिया में वायरल कुछ रोचक जानकारीयां

Wednesday Thought : “खुशी” थोड़े समय के लिए सबर देती है, लेकिन, “सबर”….

Tuesday Thoughts : अपमान करना किसी के “स्वभाव” में हो सकता है

 है परेशान कब और किस दिन काटें नाख़ून या बाल..? लो यह है समाधान…!

Saturday Thoughts : एक-एक करके शहर खुल चुके है, संभल कर रहना जान बचाने वाले भी अब थक चुके है

……. “डर”……
मृत्यु को नही रोक सकता,
ये जीवन को रोकता है !

जितने वाला ही नहीं बल्कि कहाँ पर क्या हारना है..!!

ये जानने वाला भी सिकन्दर होता है..!!

 

 

 

Sunday-thoughts-Suvichar-good-morning-quotes-inspirational-motivation-quotes-in-hindi-positive

Show More

Dropadi Kanojiya

द्रोपदी कनौजिया पेशे से टीचर रही है लेकिन अपने लेखन में रुचि के चलते समयधारा के साथ शुरू से ही जुड़ी है। शांत,सौम्य स्वभाव की द्रोपदी कनौजिया की मुख्य रूचि दार्शनिक,धार्मिक लेखन की ओर ज्यादा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button