Agneepath Scheme के विरोध में बिहार में बवाल,आर्मी एक्सपर्ट्स ने भी उठाएं सवाल,जानें क्यों हो रहा है विरोध
ऐसे में जानना जरुरी है कि अग्निपथ योजना आखिर है क्या और इसका विरोध क्यों हो रहा है?
Agneepath-Scheme-what-is-know-why-experts-raising-questions
नई दिल्ली:लंबे अंतराल के बाद आखिरकार केंद्र की मोदी सरकार(Modi Govt)और भारतीय सेना(Indian Army)के तीनों बलों ने मंगलवार को वायुसेना,थलसेना और नौसेना में भर्ति के लिए ‘अग्निपथ नामक योजना'(Agneepath Scheme) का एलान किया।
इसके अंतर्गत महज चार साल के लिए युवाओं की सेना में भर्ती की जाएगी। जिन्हें ‘अग्निवीर’(Agniveer)नाम दिया गया है।
यानि भारतीय सेना के इतिहास में पहली बार अल्पकालिक अवधि के लिए युवाओं की नियुक्तियां सेना में की जाएंगी।चार साल बाद सिर्फ 25 फीसदी ट्रेंड सैनिकों को पूर्णकालिक सेवा का अवसर मिलेगा।
यानि सौ में से महज 25 लोगों को पूर्णकालिक सेवा का मौका दिया जाएगा। इससे सवाल उठ रहे है कि बाकी 75फीसदी युवाओं का क्या होगा?
हालांकि सरकार ने कहा है कि उन्हें चार साल की सेवानिवृत्ति के बाद अन्य क्षेत्रों में भर्ती के लिए वरीयता प्राप्त होगी। लेकिन एक्सपर्ट्स इसे व्यावहारिक नहीं बता रहे और मोदी सरकार की अग्निपथ योजना पर सवाल उठा रहे है।
इतना ही नहीं, बिहार(Bihar)में तो अग्निपथ स्कीम को लेकर बवाल मचा हुआ है। यहां अभ्यार्थी सड़कों पर उतर आएं(Bihar-aspirants-protest-for- Agniveer-future)है।
बक्सर में आक्रोशित युवाओं ने ट्रेनों को निशाना बनाया है। रेल ट्रैक जाम किया गया जबकि जनशताब्दी एक्सप्रेस का परिचालन इस विरोध से प्रभावित हुआ है।
बिहार में 'अग्निपथ स्कीम' पर बवाल शुरु हो गया है. मुजफ्फरपुर और बक्सर में प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कहा कि दो साल पहले मेडिकल और फिजिकल पास कर चुके लेकिन रिटेन तक नहीं हुआ.ऐसे में देखा जाए तो 4 साल वाली 'स्कीम' जले पर नमक छिड़कने वाली बात हो गई है. pic.twitter.com/QYe40yVf4s
— Rajesh Kumar Ojha (@RajeshK_Ojha) June 15, 2022
उधर मुजफ्फरपुर में भी अभ्यर्थी आक्रोशित होकर सड़क पर उतर गये हैं। मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन के पास चक्कर चौक व आस-पास के इलाके में व भगवानपुर गोलम्बर व गोबरसही चौक के पास विरोध प्रदर्शन की सूचना है।
ऐसे में जानना जरुरी है कि अग्निपथ योजना आखिर है क्या और इसका विरोध क्यों हो रहा है?चलिए विस्तार से बताते(Agneepath-Scheme-what-is-know-why-experts-raising-questions)है।
क्या है अग्निपथ स्कीम?What is Agneepath Scheme
मंगलवार,14 जून 2022 को भारतीय सेना के तीनों प्रमुखों और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह(Rajnath Singh)ने थलसेना,नौसेना और वायुसेना में युवाओं की भर्ती के लिए अग्निपथ योजना को लॉन्च किया।
-इसके तहत सैनिकों की भर्ती सिर्फ चार साल के लिए सेना में की जाएंगी।
-अग्निपथ योजना के अंतर्गत भर्ती सैनिकों को ही अग्निवीर नाम दिया गया है।
-भर्ती के लिए युवा सैनिकों की उम्र साढ़े 17 साल से 21 साल के बीच होगी।
-ये भर्तियां मेरिट और मेडिकल टेस्ट के आधार पर की जाएंगी।
-इन चार वर्षों में सैनिकों को 6 महीने की बेसिक मिलिट्री ट्रेनिंग दी जाएगी।
-इस योजना के तहत भर्ती होने वाले सैनिकों को 30-40 हजार रुपए प्रति महीना वेतन के अलावा और भी कई तरह के भत्ते दिए जाएंगे।
-पहले साल में 30 हजार, दूसरे साल में 33 हजार, तीसरे साल में 36500 और चौथे साल में 40 हजार मासिक वेतन दिया जाएगा।
-चार साल पूरे होने के बाद इन सभी अग्निवीरों में से सिर्फ 25 फीसदी सैनिकों को स्थायी काडर में नियुक्ति दी जाएंगी।
-चार साल बाद बाकी सभी 75 फीसदी अग्निवीरों की सेवा समाप्त हो जाएगी और नई भर्तियां की जाएंगी।
हालांकि, विपक्ष और डिफेंस एक्सपर्ट सरकार की इस योजना पर सवाल उठा रहे हैं। इतना ही नहीं, बिहार में तो इसको लेकर विरोध भी शुरू हो गया(Agneepath-Scheme-what-is-know-why-experts-raising-questions)है।
केंद्र सरकार और सेना की अग्निपथ योजना क्यों है सवालों के घेरे में?-Agneepath-Scheme-what-is-know-why-experts-raising-questions
प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस का कहना है कि इस स्कीम के तहत भर्ती होने वाले युवा जब 4 साल की नौकरी पूरी कर लेंगे तो फिर फिर उनका फ्यूचर क्या होगा?
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला के मुताबिक, अग्निपथ योजना पर रक्षा विशेषज्ञों के अलावा और भी कई लोग सवाल उठा रहे हैं।
ये भारतीय सेना की परंपरा के साथ खिलवाड़ है।
अग्निपथ योजना पर उठ रहे है ये सवाल:Agneepath-Scheme-why-experts-raising-questions
1- क्या सेना के लिए स्थायी भर्तियों का कोटा 4 साल के कॉन्ट्रैक्ट भर्ती योजना से पूरी हो जाएगा?
2 – नेवी और एयरफोर्स के लिए स्पेशलिस्ट कॉडर वाले लोगों की जरूरत होती है। यही वजह है कि इनकी ट्रेनिंग में लंबी चलती है। ऐसे में सिर्फ 4 साल के लिए भर्ती होने वाले युवाओं का ज्यादा समय तो इस ट्रेनिंग में ही निकल जाएगा।
3 – योजना के तहत 10 हफ्तों से 6 महीने तक की बेसिक ट्रेनिंग का प्रावधान है। लेकिन सेना में हथियार, टैंक, आर्टिलरी और मिसाइल यूनिट्स के साथ ही कई तकनीकी चीजों को सीखने में लंबा समय लगता है। ऐसे में सिर्फ 6 महीने की बेसिक ट्रेनिंग में युवा कैसे प्रशिक्षित होंगे?
4 – सेंट्रल गवर्नमेंट के ग्रुप-डी और फोर्थ क्लास के कर्मचारियों का वेतन भी 30 हजार से ज्यादा होता है। ऐसे में 4 साल के ठेके पर भर्ती होने वाले युवा सैनिकों का वेतन इनसे भी कम क्यों रखा गया है?
5- 4 साल की नौकरी के बाद जब अग्निवीरों का कॉन्ट्रैक्ट पूरा हो जाएगा तो उनके फ्चूयर का क्या होगा? 25 साल की उम्र में ये युवा अपनी पढ़ाई छोड़ सेना में शामिल होंगे, लेकिन वहां से हटने के बाद इनके पास कोई एक्सट्रा डिग्री भी नहीं होगी।
6- सेना में 15 साल की नौकरी के बाद जब नियमित सैनिक भी रिटायर होकर आते हैं तो उन्हें ज्यादा से ज्यादा किसी बैंक में सिक्योरिटी गार्ड की जॉब मिलती है। ऐसे में इन अग्निवीरों का क्या होगा?
7- वहीं कुछ डिफेंस एक्सपर्ट्स का मानना है कि जब कोई आर्मी या दूसरी फोर्स से रिटायर होता है तो सिविल सेवा में उन्हें बहुत अच्छी नौकरी नहीं मिलती?
8। सुरजेवाला ने भी कहा कि क्या ये सत्य नहीं है कि 15 साल की सेवा के बाद जब रेगुलर सैनिक भी लौटते हैं तो उनमें से ज्यादातर गार्ड या बैंक के सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी पाते हैं। ऐसे में कॉन्ट्रैक्ट पर भर्ती किए जाने वाले इन युवाओं का क्या होगा ?
9- एक युवा को आर्मी का ट्रेंड जवान बनने में कम से कम 7-8 साल लग जाते हैं। ऐसे में जो अग्निवीर होंगे वो सिर्फ 6 महीने की ट्रेनिंग में कैसे अच्छे सैनिक साबित होंगे। वहीं 4 साल बाद उन्हें रिटायर कर दिया जाएगा?
Agneepath-Scheme-what-is-know-why-experts-raising-questions
बीते 6 महीने में भारत-चीन सीमा पर कोई घुसपैठ नहीं : सरकार,राहुल गांधी का पलटवार
सरकार की दलील
वहीं, इस तरह के तमाम सवालों पर सरकार की ओर से कहा गया है कि अग्निपथ योजना में 4 साल पूरा करने वाले अग्निवीरों को CAPF (सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सेस) और असम राइफल्स में भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी।
इस तरह ‘अग्निपथ योजना’ से ट्रेंड युवा सैनिक के पास आगे भी देश की सेवा और सुरक्षा का मौका रहेगा।
गृह मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा कि अग्निपथ योजना युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक दूरदर्शी और स्वागत योग्य निर्णय है।
इसलिए इस योजना में चार साल पूरा करने वाले अग्निवीरों को सीएपीएफ और असम राइफल्स में भर्ती में प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है।
#AgnipathScheme | Ministry of Home Affairs (MHA) has decided to give priority to Agniveers, who successfully complete their 4 years of service, in getting recruitment to Central Armed Police Forces (CAPF) and Assam Rifles: HMO pic.twitter.com/iqTFv8W3Su
— ANI (@ANI) June 15, 2022
डिफेंस एक्सपर्ट्स की दलील-Agneepath-Scheme-what-is-know-why-experts-raising-questions
सेना में अहम पद पर रह चुके बिरेंदर धनोआ ने ट्वीट किया, “पेशेवर सेनाएं आमतौर पर रोज़गार योजनाएं नहीं चलाती… सिर्फ़ कह रहा हूँ।”
Professional militaries, usually, don’t run employment schemes…just sayin…
— Birender Dhanoa (@bsdhanoa) June 14, 2022
सैन्य अनुभव रखने वाले कुछ लोगों के हवाले से द टेलिग्राफ अखबार ने लिखा है कि इस योजना ने कई चिंताएं पैदा कर दी हैं। अव्वल तो इससे समाज के ‘सैन्यीकरण’ का ख़तरा है।
यानी जब एक बड़ी संख्या में हथियार चलाने के लिए प्रशिक्षित किए गए युवा नौकरी की अवधि पूरी होने पर वापस लौटेंगे तब क़ानून-व्यवस्था से जुड़ी समस्या खड़ी हो सकती है। अभी तक एक फ़िट जवान की ड्यूटी 10 से 15 साल के लिए होती है।
दूसरी सबसे बड़ी चिंता ये है कि इस योजना की वजह से भारतीय सेना में ‘नौसिखिए’ जवानों की संख्या बढ़ जाएगी, जो शत्रु देशों की ओर से मिलने वाली चुनौतियों का सामना करने में असमर्थ होंगे।
अभी तक प्रशिक्षण की अवधि एक साल की है। नई योजना के तहत भर्ती होने वाले अग्निवीरों को युद्ध के मोर्चे पर भी तैनात किया जा सकता है और उनकी भूमिका किसी अन्य सैनिक से अलग नहीं होगी।
तीसरी सबसे बड़ी चिंता ये है कि इस योजना के कारण सशस्त्र बलों की सदियों पुरानी रेजिमेंटल संरचना बाधित हो सकती है।
रिटायर्ड लेफ़्टिनेंट जनरल विनोद भाटिया ने इस योजना पर लिखा, “सशस्त्र बलों के लिए ख़तरे की घंटी। इसका पायलट प्रोजेक्ट लाए बिना ही लागू कर दिया गया। समाज के सैन्यीकरण का खतरा। हर साल क़रीब 40 हज़ार युवा बेरोज़गार होंगे। ये अग्निवीर हथियार चलाने में पूरी तरह प्रशिक्षित नहीं होंगे। अच्छा विचार नहीं है। इससे किसी को फ़ायदा नहीं होगा।”
Agneepath-Scheme-what-is-know-why-experts-raising-questions
Death knell for armed forces, ToD not tested, NO pilot project, straight implementation. Will also lead to Militarization of society, nearly 40,000(75%) youth year on year back rejected & dejected without a job, semi trained in arms ex Agniveers. Not a good idea. No one gains. https://t.co/tmt3qekeup
— Lt Gen Vinod Bhatia Retd (@Ptr6Vb) June 13, 2022
रिटायर्ड आईजी बीएन शर्मा ने अग्निपथ योजना पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि ‘मेरे लिए अग्निपथ योजना किसी भी नई लॉन्च की गई सुरक्षा एजेंसी के लिए एक योजना की तरह दिखती है; 4 साल के लिए कॉन्ट्रैक्ट का आश्वासन और केवल 25% के लिए कॉन्ट्रैक्ट का विस्तार।
लाभ और हानि के लिए अग्निपथ को सेवा और पूर्व सैनिकों द्वारा इतने अलग तरीके से कैसे देखा जाता है!”
To me Agnipath scheme looks like a scheme for any new launched security agency; assuring contract for 4 years & extention of contract for only 25%. How is Agnipath seen so differently by serving & veterans for benefits & disadvantages!@narendramodi @rajnathsingh
— 🇮🇳 BN Sharma, IG (Retd) (@BholaNath_BSF) June 15, 2022
लेफ्टिनेंट जनरल पी। आर। शंकर ने इस परियोजना को ‘किंडरगार्टन आर्मी’ बताया। उन्होंने कहा कि ये योजना लाना अच्छा विचार नहीं। उन्होंने सावधानी बरतने की वकालत की।
एक आर्टिकल में उन्होंने लिखा, “ये योजना बिना पर्याप्त कर्मचारी और क्षमता के शुरू की जा रही है। इसके तहत कम प्रशिक्षित युवा किसी सबयूनिट का हिस्सा बनेंगे और फिर बिना किसी भावना के ये अपनी नौकरी सुरक्षित रखने की दौड़ में शामिल हो जाएंगे।”
उन्होंने लिखा, “इस सैनिक से ब्रह्मोस/पिनाका/वज्र जैसे हथियार प्रणाली को चलाने की उम्मीद की जाएगी, जिसे वो संभाल नहीं सकता है और पाकिस्तान-चीनियों के सामने अपनी रक्षा करने की भी आशा की जाएगी। हम भले ही अभिमन्यु बना रहे हों लेकिन वो चक्रव्यूह से बाहर नहीं निकल पाएगा।”
BSF पर सियासत,केंद्र ने पंजाब-बंगाल में BSF की पावर बढ़ाई,गुजरात में घटाई,समझें खेल
सैलरी और पेंशन के बोझ में कमी लाना है असल मक़सद?
द टेलिग्राफ अख़बार ने सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा है कि इस योजना का मक़सद लगातार बढ़ रहे वेतन और पेंशन के बोझ को कम करना है।
रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने अख़बार को बताया, “इस योजना के तहत सरकार पेंशन के साथ ही अन्य भत्तों पर बचत करेगी. अग्निवीरों के लिए वेतन के लुभावने मोटे पैकेज, पूर्व सैनिकों का दर्जा और स्वास्थ्य स्कीम में अंशदान की ज़रूरत नहीं होगी।”
चीन मुद्दे पर कमल हासन का पीएम मोदी पर तंज-‘भावनात्मक रूप से खिलवाड़’ बंद करें
Agneepath-Scheme-what-is-know-why-experts-raising-questions