महिला आरक्षण बिल – विपक्ष साथ पर क्यों हो रहा है विवाद..? जानें 33% आरक्षण की सभी बातें
Women Reservation Bill - केंद्र सरकार ने संसद के निचले सदन, राज्य विधानसभाओं और दिल्ली विधानसभा में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण प्रदान करने से संबंधित ऐतिहासिक ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ लोकसभा में पेश, विपक्ष ने कहा चुनावी जूमला

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नयी दिल्ली (समयधारा) : आखिरकार नए संसद भवन का उद्घाटन आज हो ही गयाl
आज नई संसद (New Parliament) के पहले ही दिन लोकसभा (Lok Sabha) में महिला आरक्षण बिल (Women Reservation Bill) पेश किया गया।
भले ही विपक्ष ने इस बिल पर अपना समर्थन दे दिया है, लेकिन कुछ एक मद्दों को लेकर, वो विरोध करता भी दिखाई दे रहा है।
साथ ही कई पार्टियों ने महिला आरक्षण से जुड़े विधेयक को ‘चुनावी जुमला’ करार दिया और इसके समय को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि महिलाओं के साथ धोखा हुआ है,
क्योंकि इसे 2029 से पहले लागू नहीं किया जा सकेगा। केंद्र सरकार ने संसद के निचले सदन,
राज्य विधानसभाओं और दिल्ली विधानसभा में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण प्रदान करने से संबंधित ऐतिहासिक ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ (Nari Shakti Vandan Adhiniyam) को मंगलवार को लोकसभा में पेश किया।
महिला आरक्षण विधेयक का हमने हमेशा से समर्थन किया है।
2010 में राज्य सभा में कांग्रेस-यूपीए सरकार ने महिला आरक्षण विधेयक पास करवाया था।
राजनीति में जिस प्रकार SC-ST वर्ग को संवैधानिक अवसर मिला है, उसी प्रकार OBC वर्ग की महिलाएं समेत सभी को इस विधयेक से सामान मौका मिलना चाहिए।… pic.twitter.com/1x0q9z6I4e
— Mallikarjun Kharge (@kharge) September 19, 2023
जहां आम आदमी पार्टी ने सीधे-सीधे मोदी सरकार पर महिलाओं को आरक्षण की जगह धोखा देना का आरोप लगाया,
तो वहीं कांग्रेस ने केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाया है।
आइए सबसे पहले एक नजर डालते हैं, महिला आरक्षण से जुड़े विधेयक की कुछ शर्तों पर।
- महिला आरक्षण के लागू होने की राह में अब भी दो रुकावटे हैं- पहला जनगणना और दूसरा परिसीमन। विधेयक के अनुसार, नई जनगणना के बाद परिसीमन होगा, उसके बाद महिला आरक्ष लागू किया जाएगा। इससे साफ होता है कि महिला आरक्षण प्रावधान 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद ही लागू हो पाएगा।
चुनावी जुमलों के इस मौसम में, यह सबसे बड़ा जुमला है! यह देश की करोड़ों महिलाओं और लड़कियों की उम्मीदों के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है।
हमने पहले भी बताया है कि मोदी सरकार ने अभी तक 2021 में होने वाली दशकीय जनगणना नहीं की है। भारत G20 का एकमात्र देश है जो जनगणना कराने में विफल… https://t.co/8iuBVXM49S
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) September 19, 2023
- विपक्ष को एक सबसे बड़ा ऐतराज ये भी है कि महिला आरक्षण के लिए 15 साल का समय ही क्यों सीमित रखा गया है। क्योंकि इसमें कहा गया है कि आरक्षण शुरू होने के 15 साल बाद प्रावधान प्रभावी होना बंद हो जाएंगे।
- बिल के अनुसार, हर एक परिसीमन प्रक्रिया के बाद लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों की अदला-बदली होगी।
- नारी शक्ति वंदन विधेयक में ये भी कहा गया है कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में SC/ST आरक्षित सीटों में से एक-तिहाई सीटें भी महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी।
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कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महिला सशक्तीकरण को प्राथमिकता देने की कोई वास्तविक मंशा होती, तो महिला आरक्षण विधेयक बिना किसी किंतु-परंतु के तुरंत लागू कर दिया गया होता।
The Women's Reservation Bill introduced today in the Lok Sabha is a typical example of BJP's deceptive politics
The Bill should be called by the name 'Nari Shakti Mockery Adhiniyam (Bill)'
The Bill mocks the women of India and asks them to wait for the next Census
It further…
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) September 19, 2023
रमेश ने X पर पोस्ट किया, चुनावी जुमलों के इस मौसम में ये सभी जुमलों में सबसे बड़ा है! करोड़ों भारतीय महिलाओं और युवतियों की उम्मीदों के साथ बहुत बड़ा धोखा है। जैसा कि हमने पहले बताया था, मोदी सरकार ने अभी तक 2021 की दशकीय जनगणना नहीं कराई है, जिससे भारत G20 में एकमात्र देश बन गया है, जो जनगणना कराने में विफल रहा है।
उन्होंने कहा, अब इसमें कहा गया है कि महिला आरक्षण विधेयक के अधिनियम बनने के बाद पहली दशकीय जनगणना के पश्चात ही महिलाओं के लिए आरक्षण लागू होगा।
महिला आरक्षण बिल की क्रोनोलॉजी समझिए
यह बिल आज पेश जरुर हुआ लेकिन हमारे देश की महिलाओं को इसका फायदा जल्द मिलते नहीं दिखता।
ऐसा क्यों?
क्योंकि यह बिल जनगणना के बाद ही लागू होगा। आपको बता दें, 2021 में ही जनगणना होनी थी, जोकि आज तक नहीं हो पाई।
आगे यह जनगणना कब होगी इसकी भी…
— Congress (@INCIndia) September 19, 2023
उनके मुताबिक, विधेयक में ये भी कहा गया है कि आरक्षण अगली जनगणना के प्रकाशन और उसके बाद परिसीमन प्रक्रिया के बाद ही प्रभावी होगा। क्या 2024 चुनाव से पहले होगी जनगणना और परिसीमन?
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, मूल रूप से ये विधेयक अपने कार्यान्वयन की तारीख के बहुत अस्पष्ट वादे के साथ आज सुर्खियों में है। ये कुछ और नहीं, बल्कि ईवीएम-इवेंट मैनेजमेंट है।
आम आदमी पार्टी (AAP) की वरिष्ठ नेता आतिशी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि महिला आरक्षण विधेयक साल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले महिलाओं को बेवकूफ बनाने वाला विधेयक है।
मोदी जी ने अपने जुमलों से इस देश की महिलाओं को भी नहीं बख़्शा. महिला आरक्षण बिल में उनकी खोटी नियत साफ़ हो गई
बिल के अनुसार महिला आरक्षण के पहले जनगणना और फिर डिलिमिटेशन होना अनिवार्य है – मतलब 2029 से पहले ये संभव ही नहीं है
अगर आप वाक़ई में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करना… pic.twitter.com/O9uPrTcZPr
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) September 19, 2023
आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) को महिलाओं की भलाई और कल्याण में कोई दिलचस्पी नहीं है।
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उन्होंने कहा, हम मांग करते हैं कि परिसीमन और जनगणना के प्रावधानों को हटाया जाए और 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए महिला आरक्षण लागू किया जाए।
WHAT IS WOMEN'S RESERVATION BILL?
Whats the sad reality of the Bill which is introduced today?@AtishiAAP explains.pic.twitter.com/jYqrl6k7rY
— AAP Ka Mehta 🇮🇳 (@DaaruBaazMehta) September 19, 2023
महिला आरक्षण विधेयक संसद में पेश किए जाने के बाद समाजवादी पार्टी (SP) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि महिला आरक्षण लैंगिक न्याय और सामाजिक न्याय का संतुलन होना चाहिए।
सपा प्रमुख यादव ने सोशल मीडिया मंच ‘X’ पर कहा, महिला आरक्षण लैंगिक न्याय और सामाजिक न्याय का संतुलन होना चाहिए। इसमें पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक, आदिवासी (PDA) की महिलाओं का आरक्षण निश्चित प्रतिशत रूप में स्पष्ट होना चाहिए।
"In my party, a lot of people are against the women reservation bill so we cannot pass it" — Sonia Gandhi in 2010#WomenReservationBill pic.twitter.com/dv4o9dEMUz
— Priti Gandhi – प्रीति गांधी (@MrsGandhi) September 18, 2023
बहुजन समाज पार्टी (BSP) की अध्यक्ष मायावती ने महिला आरक्षण विधेयक का समर्थन किया और कहा कि सरकार को आबादी को ध्यान में रखकर महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने पर विचार करना चाहिए।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैंने अपनी पार्टी की ओर से एक बार नहीं, बल्कि कई बार संसद में कहा कि लोकसभा व राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को उनकी आबादी को ध्यान में रखते हुए 33 प्रतिशत की जगह 50 प्रतिशत आरक्षण दिया जाना चाहिए। सरकार को इस बारे में विचार करना चाहिए।’
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जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता राजीव रंजन ने मंगलवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा लाया गया महिला आरक्षण विधेयक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नीत सरकार द्वारा बहुत पहले महिलाओं को दिए गए आरक्षण से प्रेरित है।
History unfolding in front of our eyes!
Women empowerment to women led development, PM @narendramodi ji has taken the historic decision for the women reservation in Parliament and Legislative Assemblies.#NariShakti #WomenReservationBill #NariShaktiVandanAdhiniyam pic.twitter.com/jbVpmDT4Ug— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) September 19, 2023
रंजन ने एक बयान में कहा कि महिला आरक्षण विधेयक लाकर केंद्र सरकार ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि बिहार आज जो करता है, कल पूरा देश उसे अपनाता है।
तेलंगाना की सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की विधान परिषद सदस्य के कविता ने महिला आरक्षण विधेयक को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी संबंधी खबरों का स्वागत किया, लेकिन विधेयक की विषय वस्तु को लेकर आशंका जताई।
राष्ट्र की विकास यात्रा में हमें नई मंजिलों को पाना है, तो आवश्यक है कि हम Women-led Development को बल दें। pic.twitter.com/2KjGbzGmef
— PMO India (@PMOIndia) September 19, 2023
कविता ने कहा कि इस बारे में केंद्र सरकार की ओर से कोई आधिकारिक संचार नहीं किया गया है और ‘‘हर किसी को मीडिया के माध्यम से पता चला है।’’
कविता ने कुछ महीने पहले महिला आरक्षण विधेयक को पारित कराने की मांग को लेकर दिल्ली में प्रदर्शन किया था।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने विधेयक का स्वागत किया और इस फैसले को एक ‘बड़ा कदम’ करार दिया।
मुफ्ती ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा कि पुरुषों के वर्चस्व वाले कठिन राजनीतिक क्षेत्र में अपनी जगह बनाने के बाद मुझे यह देखकर खुशी हो रही है कि आखिरकार महिला आरक्षण विधेयक एक वास्तविकता बन जाएगा। आधी आबादी होने के बावजूद हमारा प्रतिनिधित्व बेहद कम है। यह एक बड़ा कदम है।
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नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी पार्टी महिला आरक्षण विधेयक के खिलाफ नहीं है और अगर इसे लागू किया जाता है तो उसे कोई आपत्ति नहीं है।
आज गणेश चतुर्थी का शुभ दिन है। इस दिन हमारा ये शुभारंभ संकल्प से सिद्धि की ओर एक नए विश्वास के साथ यात्रा को आगे ले जाने का है। pic.twitter.com/RvS0OkjJIz
— PMO India (@PMOIndia) September 19, 2023