Samaydhara Exclusive – THRSM के कुच में उमड़ा जन सैलाब, 5 तारीख तक रखेंगे सब्र, वर्ना केजरीवाल खोदेगे तेरी कब्र
हजारों की संख्या में लोगों ने, कामगारों सहित कई विशिष्ठ नेताओं ने ठेकेदारी हटाओ राष्ट्रिय सयुंक्त मौर्चा के आंदोलन में उनका साथ दिया, एक महिला की पीड़ा से माहौल हुआ गमगीन

Thousands Of People Gathered In THRSM Movement
नयी दिल्ली (समयधारा) : THRSM के कुच में उमड़ा जन सैलाब 5 तारीख तक रखेंगे सब्र वर्ना आंदोलन होगा उग्र l
हजारों की संख्या में लोगों ने कामगारों सहित कई विशिष्ठ नेताओं ने ठेकेदारी हटाओ राष्ट्रिय सयुंक्त मौर्चा के आंदोलन में उनका साथ दिया एक महिला की पीड़ा से माहौल हुआ गमगीन l
चलिए आपको बताते है इस आंदोलन की मुख्य बातें
- आंदोलन में दिल्ली के लगभग सभी सरकारी कर्मचारियों ने जो ठेकेदारों के शोषण से पीड़ित थे उन्होंने भाग लिया l
- मौर्च में दिल्ली की बिजली वितरण कंपनिया स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों एवं डिस्पेंसरीयों दिल्ली नगर निगम के सफाई कर्मचारियों डीटीसी दिल्ली जल बोर्ड एवं अन्य विभागों के संगठित और असंगठित क्षेत्रों में कार्यरत हजारों कर्मचारियों ने जोर-शोर से हिस्सा लिया l
- मोर्चे के राष्ट्रिय अध्यक्ष इंजी. डी.सी.कपिल सहित सुप्रीमकोर्ट के सीनियर एडवोकेट श्री भानु प्रताप सिंह जनाब महमूद प्राचा राष्ट्रिय चेयरमैन राजकुमार धिंगान राष्ट्रिय महासचिव हाफ़िज़ गुलाम सरवर पूर्व चेयरमैन हरनाम सिंह विनोद संगत श्याम सुंदर राजेश घाघट सहित कई आम और खास नेताओं ने संबोधित किया l
- कई सेकड़ों महिलाओं ने अपनी उपस्थिति से आंदोलन में चार चाँद लगा दिए l
- आंदोलन में केजरीवाल सरकार के वादाखिलाफी पर पूर्ण जोर दिखा l
- कई सेकड़ों पुलिसकर्मीयों ने भीड़ को नियंत्रित किया l लॉ और ऑर्डर को किसी भी कर्मचारी ने हाथ में लेने की कोशिश नहीं की l
Thousands Of People Gathered In THRSM Movement
- अंत में 5 नवंबर 2023 तक लंबित सभी मांगो को नहीं मानने पर 6 नवंबर 2023 सोमवार से बी.एस.ई.एस (BSES) राजधानी पॉवर लिमिटेड के नेहरु प्लेस मुख्यालय पर अनिशिचितकालीन धरने की घोषणा की गईं l
इससे पहले

मंगलवार 31 अक्टूबर 2023 की सुबह 11 बजे हजारों संविदा कर्मचारी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास की ओर कूच कर(Delhi-BSES-Water-health-workers-march-today-on-Kejriwal’s-residence-against-thekedari-Pratha-Call-by-THRSM)गए।
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लेकिन दिल्ली पुलिस(Delhi Police)ने उन्हें सिविल लाइन्स पर ही रोक दिया।
जिससे बीएसईएस(BSES) और स्वास्थ्य संविदा कर्मचारी जिनमें आशा वर्कर्स भी शामिल थी ने अपना विरोध-प्रदर्शन और तेज कर दिया है।

Samaydhara Exclusive: Delhi के बिजली स्वास्थ्य कर्मचारियों का ठेकेदारी प्रथा के खिलाफ CM आवास की ओर कूच
ठेकेदारी हटाओं राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा के इस आंदोलन की लाइव और एक्सक्लूसिव कवरेज कर रहे समयधारा के रिपोर्टर धर्मेश जैन को हजारों संविदा कर्मचारियों ने बताया कि उनके साथ केजरीवाल सरकार ने नियमित वेतन और पक्की नौकरी पर वादा खिलाफी की(Delhi-BSES-Water-health-workers-march-today-on-Kejriwal’s-residence-against-thekedari-Pratha)है।
मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री डी.सी.कपिल(D.C. Kapil) ने समयधारा के साथ अपनी एक्सक्लूसिव बातचीत में स्पष्ट किया कि ‘वह देशभर के अनुसूचित जाति जनजाति अन्य पिछड़ा वर्ग सहित सभी संविदा कर्मचारी

फिर चाहे वह बिजली विभाग से जुड़े हो दिल्ली जल बोर्ड से या फिर स्वास्थ्य-सफाई से सभी के हक की आवाज उठाते हुए ठेकेदारी प्रथा के खिलाफ आंदोलन कर रहे है।’
‘नियमित वेतन सहित अन्य मांगों और ठेकेदारी प्रथा(Thekedari Pratha)के खिलाफ सभी संविदा कर्मचारी राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा (Thekedari Hatao Rashtriya Sanyukt Morcha) के आव्हान पर आज 31 अक्टूबर को एकजुट हुए है।’
दिल्ली में बिजली पानी और सफाई- स्वास्थ्य विभाग सहित कई सरकारी विभागों में संविदा कर्मचारियों की पक्की नौकरी और उन्हें नियमित वेतन दिलाने के केजरीवाल सरकार के वादों के खिलाफ यह कर्मचारी दिल्ली के मुख्यमंत्रीअरविंद केजरीवाल के(Delhi CM Kejriwal)आवास की ओर कूच किया जहां उन्होंने अपनी मांगे सौंपी(Delhi-BSES-Water-health-workers-march-today-on-Kejriwal’s-residence-against-thekedari-Pratha).
‘ठेकेदारी हटाओ राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा’ (Thekedari Hatao Rashtriya Sanyukt Morcha)’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डी़.सी कपिल के नेतृत्व में बिजली स्वास्थ्य संविदा कर्मचारियों का जनसैलाब उमड़ा।

जहां डीसी कपिल ने देशभर के अनुसूचित जाति जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के संविदा कर्मचारियों को उनके हक आत्मसम्मान और गरिमापूर्ण जीवन यापन के लिए प्रेरित करते हुए संबोधित किया और कहा कि ठेकेदारी प्रथा सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि आधुनिक भारत के लिए अभिशाप है।
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ठेकेदारी प्रथा के खिलाफ देश के हर युवा वर्ग को आवाज उठानी चाहिए। यह उनकी काबिलियत के लिए अभिशाप है। यह प्रथा मौजूदा पीढ़ी ही नहीं बल्कि भावी पीढ़ी के भविष्य को अंधकार में ढकेलने की सराकरी नीति है।
इससे प्रभावित सर्वाधिक अनुसूचित जाति जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग है। ठेकेदारी प्रथा SC/ST/OBC वर्ग के युवाओं को आरक्षण(Reservation)से वंचित करने और आरक्षण को जड़ से खत्म करने की एक सुनियोजित षड्यंत्र है।

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इस प्रथा के अंतर्गत राजनेताओं अधिकारियों और ठेकदारों की तिगड़ी मिलकर निरीह ठेकाकर्मियों को मिलने वाले वेतन को सरेआम लूटते है। उनका शोषण करते है।
आपको बता दें कि राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा (Thekedari Hatao Rashtriya Sanyukt Morcha)ने संविदा कर्मचारियों (Contract Workers) के नियमित वेतन सहित अन्य मांगों और ठेकेदारी प्रथा(Thekedari)के खिलाफ शनिवार 28 अक्टूबर 2023 को ही एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी।
जिसमें उन्होंने प्रेस के समक्ष दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके चुनावी वादे याद दिलाते हुए अल्टीमेटम दिया था
कि बिजली स्वास्थ्य विभाग के देशभर के संविदा कर्मचारी 31 अक्टूबर मंगलवार को केजरीवाल आवास की ओर कूच करेंगे और उन्हें ज्ञापन दिया जाएगा
कि अगर नवंबर के पहले हफ्ते में ठेकेदारी हटाओ राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा (Thekedari Hatao Rashtriya Sanyukt Morcha) से जुड़े देशभर के हजारों कर्मचारियों की मांगो को नहीं माना गया तो इस दिवाली पूरी दिल्ली में अंधकार छा जायेगा और आने वाले दिनों में दिल्लीवासी बिजली पानी और सफाई के लिए तरस जाएंगे।

इस अव्यवस्था की पूरी जिम्मेदारी दिल्ली सरकार की होगी जिसने वादा किया था कि वह संविदा कर्मचारियों को नियमित वेतन देगी और कच्ची नौकरी वालों को पक्का किया जाएगा।
T.H.R.S.M. के राष्ट्रीय अध्यक्ष डी.सी कपिल सहित राष्ट्रीय चेयरमैन राजकुमार धिंगान राष्ट्रीय महासचिव हाफिज गुलाम सरवर ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए 31 अक्टूबर 2023 मंगलवार को आंदोलन करने की खुली चुनौती दे दी थी।
जिसके फलस्वरूप बिजली पानी और स्वास्थ्य व सफाई संविदा कर्मचारी आज मंगलवार 31 अक्टूबर 2023 एकजुट हुए और विरोध-प्रदर्शन करते हुए दिल्ली के सीएम केजरीवाल के आवास की और कूच कर((Delhi-BSES-Water-health-workers-march-today-on-Kejriwal’s-residence-against-thekedari-Pratha)गए।

आपको बता दें कि BSES का एक डिपार्टमेंट है – मीटर मैनेजमेंट ग्रुप (Meter Management Group – MMG) जिनके 480 कर्मचारी पिछले 22 जून से बिना काम के बैठे हुए हैl
हाईकोर्ट के मौखिक आदेश के बावजूद भी कंपनी हर तारीख पर कह देती है हम ले लेंगे लेकिन आज तक भी उनको ड्यूटी पर नहीं लिया गया l
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यह हड़ताल कर्मचारियों का सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है जिसे अलग करके नहीं रखा जा सकता l

ठेकेदारी हटाओं राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा की मुख्य मांगें
- दिल्ली सरकार विधान सभा का विशेष सत्र बुलाकर दिल्ली के सभी संविदा कर्मचारियों को पक्का करने का प्रस्ताव पास करें।
- नियमित करने में होने वाले विलम्ब तक माननीय सर्वोच्च न्यायालय की स्थापित गाइड लाइन के अनुसार “समान कार्य का समान वेतन ” लागू करें।
- एक अगस्त से स्वास्थ्य निदेशालय के मुख्यालय पर अनिश्चित कालीन धरने पर बैठे 585 डेली वेजेर्स कोरोना वॉरियर्स को ड्यूटी पर लिया जाये और नियमित किया जाये।
- राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में क्षेत्रफल और आबादी के अनुपात में सफाई कर्मचारियों की भर्ती खोली जाये ताकि राजधानी में सफाई व्यवस्था को दुरूस्त किया जा सके।
- सफाई कर्मचारियों को तकनीकी ग्रेड कर्मचारी घोषित किया जाए।
- कोरोना काल में बिजली पानी शिक्षा स्वास्थ्य और यातायात जैसे अनिवार्य सेवा वाले विभागों में शहीद हुए कर्मचारी के आश्रित परिवारों को एक करोड़ और परिवार के एक सदस्य को स्थायी सरकारी नौकरी दी जाये।
- दिल्ली में बिजली विभाग में स्मार्ट मीटर लगाने से पहले मीटर बिजनेस से जुड़े हुए हजारों कर्माचरियों की नौकरी की सुरक्षा की गारंटी लिखित में सुनिश्चित की जाये।
- बिजली और सिविर जैसे खतरनाक कार्य में कर्मचारी की मृत्यु पर शहीद का आश्रित और एक करोड़ रूपये का मुआवजा एंव परिवार के एक सदस्य को स्थायी सरकारी नौकरी दी जाएं।
- दिल्ली के पावर सेक्टर की बिजली वितरण कंपनी बीएसईएस(BSES)के कर्मचारियों के 22 सूत्रीय मांग पत्र सभी मांगों पर गंभीरता पूर्वक विचार और समुचित समाधान किया जाये।
- अनिवार्य सेवा वाले बिजली विभाग में प्रशासनिक नियंत्रण सीधे रूप से बीएसईएस प्रशासन के हाथों में है वहां से ठेकेदारों को हटाकर संविदा कर्मचारियों को सीधा कंपनी रोल पर लिया जाए।
उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली सरकार उपरोक्त मांगों को नंवबर के प्रथम सप्ताह तक नहीं मान लेती है तो दिल्ली के बिजली पानी यातायात शिक्षा स्वास्थ्य और सफाई कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जायेंगे।
हड़ताल होने से राजधानी की औद्दोगिक शांति अगर भंग होती है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी दिल्ली सरकारी की होगी।
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