
NATO-rejected-Ukraine’s-‘No-Fly-Zone’-demand-Zelensky-said-You-allowed-Russia’s-bombing
यूक्रेन पर रूसी हमले(Russia-Ukraine War)और भी ज्यादा तेज और खतरनाक होते जा रहे है।दोनों देशों के बीच जंग का आज 11वां दिन है और रूस को अभी तक अपनी मनचाही सफलता नहीं मिली है।
इसी दौरान शनिवार को यूक्रेन ने रूस(Russia)पर सीजफायर उल्लंघन का आरोप लगाया और अपने नागरिकों को सुरक्षित करने की पुरजोर कोशिश भी की।
इतना ही नहीं, यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की नाटो(NATO)देशों पर भड़के हुए(Zelensky-said-You-allowed-Russia’s-bombing)है।
नाटो ने ज़ेलेंस्की की उस मांग को खारिज कर दिया,जिसमें उन्होंने यूक्रेन को नो-फ्लाई जोन घोषित करने की मांग की(NATO-rejected-Ukraine’s-‘No-Fly-Zone’-demand)थी।
नाटो द्वारा यूक्रेन को नो-फ्लाई जोन में रखने की मांग खारिज होने के बाद शनिवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की नाटो पर खासे भड़के।
उन्होंने कहा कि-पश्चिम देशों के सैन्य गठबंधन ने यूक्रेन के कस्बों और गांवों में रूस की बमबारी को हरी झंडी दे दी (NATO-rejected-Ukraine’s-‘No-Fly-Zone’-demand-Zelensky-said-You-allowed-Russia’s-bombing)है।यूक्रेन में होने वाली मौतों और विनाश के लिए सैन्य गठबंधन जिम्मेदार होगा।
उन्होंने यह भी कहा कि नाटो की कमजोरी और एकता की कमी मास्को के हाथों को पूरी तरह से खोल देगी। रूस हवाई हमले तेज कर देगा।
यूक्रेन की नो-फ्लाई जोन की मांग खारिज,नाटो से नाराज जेलेंस्की
आपको बता दें कि शुक्रवार को नाटो ने रूसी मिसाइलों(Russian Troops)और युद्धक विमानों से यूक्रेन को बचाने में मदद करने के लिए यूक्रेन के आग्रह को खारिज कर(NATO-rejected-Ukraine’s-‘No-Fly-Zone’-demand-Zelensky-said-You-allowed-Russia’s-bombing)दिया।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने नाटो का पक्ष लिया और यूक्रेन पर नो-फ्लाई ज़ोन के आह्वान को खारिज कर दिया।
एंटनी ब्लिंकेन ने कहा कि नो-फ्लाई ज़ोन का मतलब नाटो के विमानों को यूक्रेन के हवाई क्षेत्र में रूसी विमानों को मार गिराने के लिए भेजना होगा। इससे यूरोप में एक पूर्ण युद्ध हो सकता है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की(Ukraine President Volodymyr Zelensky)ने नाटो के इस फैसले की निंदा की है।
ज़ेलेंस्की ने अपने हालिया संबोधन के दौरान कहा, “आज गठबंधन के नेतृत्व ने यूक्रेन के कस्बों और गांवों में और बमबारी को हरी झंडी दे दी। नो-फ्लाई ज़ोन स्थापित करने से इनकार कर दिया।”
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यूक्रेन के हवाई क्षेत्र में नाटो का उड़ान संचालन नहीं होगा
वहीं, नाटो के विदेश मंत्रियों की एक बैठक में यूक्रेन के ‘उड़ान प्रतिबंधित क्षेत्र’ का मुद्दा उठाया गया। इस दौरान नेताओं ने माना कि नाटो के विमान और सैनिकों को यूक्रेन में प्रवेश नहीं करना चाहिए।
नाटो के महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने बैठक के बाद इसकी जानकारी दी।
उन्होंने कहा, ”उल्लेखित ‘उड़ान प्रतिबंधित क्षेत्र’ पर नाटो के सदस्य देशों ने सहमति जताई है कि हमें यूक्रेन में नाटो की सेना का प्रवेश या यूक्रेनी हवाई क्षेत्र में नाटो के उड़ान का संचालन नहीं करना(NATO-rejected-Ukraine’s-‘No-Fly-Zone’-demand-Zelensky-said-You-allowed-Russia’s-bombing)चाहिए।”
स्टोल्टेनबर्ग ने बताया, ”हम यह स्पष्ट कर चुके हैं कि हम न तो यूक्रेन की जमीन या इसके हवाई क्षेत्र में जाने वाले हैं और बेशक ‘उड़ान प्रतिबंधित क्षेत्र’ को लागू करने का एकमात्र तरीका नाटो के लड़ाकू विमानों को यूक्रेनी हवाई क्षेत्र में भेजना और रूसी विमानों को मार गिराने के बाद यहां फिर से ‘उड़ान प्रतिबंधित क्षेत्र’ लागू करना है।”
उन्होंने कहा, ”हमारा ऐसा मानना है कि ऐसा करने से हम यूरोप में जारी भीषण युद्ध को समाप्त कर सकते हैं। जिससे लोगों को काफी कष्ट पहुंच रहा है, पीड़ा हो रही है।”
पुतिन की पश्चिमी देशों को चेतावनी-यूक्रेन पर नो फ्लाई जोन लगाया तो परिणाम गंभीर होंगे
यूक्रेन के खिलाफ युद्ध छेड़ने के 10 दिन बीत जाने के बीच,शनिवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) ने अमेरिका(U.S.)और यूरोपीय(EU)देशों को चेतावनी दी है।
पुतिन ने कहा है कि पश्चिमी देशों के आर्थिक प्रतिबंध (Economic Sanctions) युद्ध के ऐलान जैसे ही हैं।
पुतिन ने फिर दोहराया कि यूक्रेन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई(Russia attacks Ukraine)का मकसद रूसी भाषी समुदाय की रक्षा करना है और इसके लिए यूक्रेन का असैन्यीकरण और नाजीवादी तत्वों का सफाया करना है, ताकि ये देश तटस्थ बना रहे।
रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, पुतिन ने कहा कि यूक्रेन के आसमान पर नो फ्लाई जोन का कोई भी प्रयास संघर्ष में शामिल होने जैसा माना जाएगा. यूक्रेन और पश्चिमी देश लगातार पुतिन के इन आरोपों को हमला करने का बहाना बताते रहे हैं।
यूक्रेन पर 24 फरवरी को रूस के हमले के बाद अमेरिका(U.S.)और यूरोपीय देशों ने मास्को के खिलाफ कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं।
इसमें पुतिन, विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव जैसे नेताओं के खिलाफ पाबंदियां भी शामिल हैं।