Maharashtra-Crisis-Uddhav-Thackeray-resigns-from-Maharashtra-Chief-Minister-post
मुंबई:महाराष्ट्र की सियासत(Maharashtra-Crisis)में उस समय क्लाइमेक्स आ गया जब बीती रात उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे(Uddhav-Thackeray-resigns-from-Maharashtra-Chief-Minister-post)दिया।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे(Uddhav Thackeray)ने न सिर्फ महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया बल्कि विधानपरिषद् की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया।
आपको बता दें उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद छोड़ने का एलान बुधवार रात फेसबुक लाइव के माध्यम से (Maharashtra-Crisis-Uddhav-Thackeray-resigns-from-Maharashtra-Chief-Minister-post)किया।
उन्होंने आज,गुरुवार को महाराष्ट्र विधानसभा में होने वाले फ्लोर टेस्ट (Floor Test) से एक रात पहले ही अपना महाराष्ट्र मुख्यमंत्री पद छोड़(Uddhav-Thackeray-resigns-from-Maharashtra-Chief-Minister-post-before-the-floor-test-today)दिया।
दरअसल,BJP के कहने पर महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी(Maharashtra Governor)ने अल्पमत में आई उद्धव ठाकरे सरकार को अपना बहुमत साबित करने के लिए सिर्फ 24 घंटे दिए थे।
इस आदेश के खिलाफ शिवसेना सुप्रीम कोर्ट(Shiv Sena Moves Supreme Court)गई लेकिन वहां से भी उन्हें राहत नहीं मिली।
सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court)ने अपनी संवैधानिक सीमितता का हवाला देते हुए महाराष्ट्र राज्यपाल के आज फ्लोर टेस्ट वाले आदेश पर शिवसेना को कोई राहत प्रदान नहीं की और न ही बहुमत साबित करने के लिए कोई समय-सीमा में छूट दी,
जैसाकि बागी विधायकों को अयोग्यता नोटिस में सुप्रीम कोर्ट द्वारा समय-सीमा बढ़ाकर छूट दे दी गई थी,इससे उद्धव ठाकरे सरकार को बड़ा झटका लगा।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तुरंत बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से उद्धव ठाकरे ने इस्तीफा देने का एलान कर(Maharashtra-Crisis-Uddhav-Thackeray-resigns-from-Maharashtra-Chief-Minister-post) दिया।
उन्होंने फेसबुक लाइव के जरिए बुधवार रात में अपना इस्तीफा सौंपने(Maharashtra-Crisis-Uddhav-Thackeray-resigns-from-Maharashtra-Chief-Minister-post)से पहले अपनी जनता को संबोधित किया और कुछ भावुक बातें और अपना दर्द बयां करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री पद के साथ विधानसभा परिषद् की सदस्यता को भी छोड़ने का एलान कर दिया।
उद्धव ठाकरे ने अपने विदाई संबोधन में शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे(Eknath Shinde)गुट पर तीखा प्रहार किया।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिवसेना ने जिन रिक्शा वाले, चाय वालों को नेता, विधायक बनाया, उन्होंने ही हमें धोखा दिया।
हमने उन्हें बातचीत करने के लिए न्यौता दिया,लेकिन वह वापस नहीं लौटे।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमने अच्छा काम किया,लेकिन लगता है कि हमारे काम को किसी की नजर लग गई। हमने किसानों की कर्जमुक्ति माफी के काम को पूरा किया।
हमने उस्मानाबाद का नाम धाराशिव कर दिया है। हमने औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर कर दिया है।
अपने संबोधन में उद्धव ठाकरे ने शरद पवार(Sharad Pawar)और सोनिया गांधी(Sonia Gandhi)का धन्यवाद किया और कहा कि जिन्हें हमने कुछ नहीं दिया उन्होंने अंत तक हमारा साथ दिया और जिन्हें हमने सबकुछ दिया,उन्होंने ही हमें धोखा दिया।
हमारे अपनों ने ही हमारी पीठ में छुरा घोंप दिया।
उद्धव ठाकरे ने कहा, हमें कुछ नहीं चाहिए, बस आशीर्वाद चाहिए. सीएम पद छोड़ने का मुझे दुख नहीं है।
उद्धव ठाकरे ने शिवसैनिकों का आह्वान करते हुए कहा, जो लोग (बागी गुट के विधायक) आ रहे हैं, उन्हें आने दिया जाए और किसी तरह का नुकसान न पहुंचाया जाए।
उधर, शिवसेना(ShivSena)के एकनाथ शिंदे गुट के नेता गोवा पहुंच गए हैं और आज मुंबई लौट सकते हैं।
उद्धव ठाकरे के इस्तीफे के साथ ही महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस(Devendra Fadnvis)के घर मिठाई का कार्यक्रम भी शुरू हो गया।
माना जा रहा है फडणवीस बागी गुट के अन्य विधायकों के साथ मिलकर नई सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं।
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की महाविकास अघाड़ी सरकार गिराने में भाजपा की प्रमुख भूमिका रही है।
इसका ताना-बाना देवेंद्र फडनवीस ने बुना था। ऐसा विशेषज्ञों की राय है।
मला विशेष समाधान आहे. आयुष्य सार्थकी लागलं, अशी माझी भावना आहे. स्वतः शिवसेनाप्रमुख बाळासाहेब ठाकरे यांनी औरंगाबादला ठेवलेले ‘संभाजीनगर’ नाव आज आपण दिले आहे. pic.twitter.com/zsDHskEgh1
— Office of Uddhav Thackeray (@OfficeofUT) June 29, 2022
उद्धव ने कहा, मैं दिल से बात कर रहा हूं। चाय वाले, फेरी वाले और रेहड़ी वालों को भी शिवसेना ने अपने साथ जोड़ा और आगे बढ़ाया। अब वो बड़े होकर उन्हीं को भूल गए, जिन्होंने उन्हें बड़ा किया।
सत्ता आने के बाद वो सारी बातें भूल गए। जब से मैं मातोश्री आया है, तब से लगातार लोग मेरे पास आ गए हैं।
एक समय जो विरोध कर रहे थे, वो साथ है,जो साथ थे, वो विरोध में हैं। रिक्शावाले (एकनाथ शिंदे), पानवाले को शिवसेना ने मंत्री बनाया, यह लोग बड़े हुए और हमें ही भूल गए।
मातोश्री में आने के बाद कई लोग आ रहे हैं और कह रहे है कि आप लड़ो, हम आपके साथ हैं। जिन्हें दिया वो नाराज़ हैं, जिन्हें नहीं दिया वो साथ हैं।
महाराष्ट्र के सीएम ने कहा, हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं, लोकतंत्र का हमें पालन करना चाहिए। सूरत जाने के बजाय उन्हें यहां आना चाहिए।
मुख्यमंत्री अत्यंत gracefully
पायउतार झाले.आपण एक संवेदनशील सुसंस्कृत मुख्यंमंत्री गमावला आहे.दगाबाजीचा अंत चांगला होत नाही असे इतिहास सांगतो. ठाकरे जिंकले जनमानस देखील जिंकले.शिवसेनेच्या भव्य विजयाची ही सुरुवात आहे.
लाठ्या खाऊ .तुरुंगात जाऊ.
पण बाळासाहेबांची शिवसेना
धगधगत ठेऊ! pic.twitter.com/smK6e3GKHa— Sanjay Raut (@rautsanjay61) June 29, 2022
उद्धव ठाकरे ने संबोधन के अंत में संकेत दिया कि सरकार भले ही उनकी गिर गई है, लेकिन शिवसेना हमारी है और हमारी ही रहेगी।
शिवसेना पर वर्चस्व को लेकर ठाकरे और शिंदे गुट में राजनीतिक लड़ाई और आगे खिंच सकती है।
शिवसेना के 16 बागी विधायकों के अयोग्यता के नोटिस को लेकर 11 जुलाई का फैसला अब मायने रखेगा या नहीं, यह भी देखना होगा।
शिवसेना के नेता अनिल परब उद्धव ठाकरे के इस्तीफे का पत्र लेकर राजभवन गए(Maharashtra-Crisis-Uddhav-Thackeray-resigns-from-Maharashtra-Chief-Minister-post)हैं।