गुलाम नबी ‘कांग्रेस’ से हुए ‘आजाद’ जानें लैटर बम में क्या-क्या लिखा
जानियें गुलाम नबी आजाद के 5 पेज के इस्तीफे की सभी बातें
Ghulam nabi azad resignation letter details in hindi
नयी दिल्ली (समयधारा) : गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया l
गुलाम नबी ने कांग्रेस से ‘आजादी’ लेते हुए सोनिया गांधी को 5 पेज का अपना इस्तीफा सौंपा l
चलिए बताते है गुलाम नबी के इस्तीफे की प्रमुख बातें या कहें कि आरोप:Ghulam nabi azad resignation letter details in hindi
- कांग्रेस पार्टी को ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से पहले ‘कांग्रेस जोड़ो यात्रा’ निकालनी चाहिएl
- कांग्रेस पूरी तरह से बर्बाद हो गई है l
- आजाद ने पार्टी के विनाश के लिए राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को दोषी ठहराया l
गुलाम नबी आाजाद ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया,सोनिया गांधी को चिट्टी लिख राहुल गांधी पर बोला हमला
गुलाम नबी आाजाद ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया,सोनिया गांधी को चिट्टी लिख राहुल गांधी पर बोला हमला
कांग्रेस को अनुभवहीन चाटुकारों की एक नई मंडली चला रही है और पार्टी को ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से पहले ‘कांग्रेस जोड़ो यात्रा’ निकालनी चाहिए..” ये कुछ तीखी बातें हैं, जो दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने शुक्रवार को ग्रैंड ओल्ड पार्टी को छोड़ते समय की।
सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को लिखे एक तीखे पत्र में, आजाद ने पार्टी के विनाश के लिए राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को दोषी ठहराया और आरोप लगाया कि पार्टी अध्यक्ष पद के लिए केवल दिखावा किया जा रहा है, जो होगा वो केवल कठपुतली होगा।
उन्होंने पार्टी को ‘पूरी तरह से बर्बाद हो गई’ बताया और कहा कि कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए और प्रदेश स्तर पर क्षेत्रीय दलों के लिए जगह खाली कर दी है।
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आजाद ने आरोप लगाया, यह सब इसलिए हुआ, क्योंकि बीते आठ सालों में नेतृत्व ने एक ऐसे व्यक्ति को पार्टी पर थोपने की कोशिश की गई, जो गंभीर नहीं था।
उन्होंने आरोप लगाया कि दरबारियों के संरक्षण में कांग्रेस को चलाया जा रहा है। पार्टी देश के वास्ते सही चीजों के लिए संघर्ष करने की अपनी इच्छाशक्ति और क्षमता खो चुकी है।
पार्टी में बदलाव की मांग करने वाले G23 ग्रुप का हिस्सा रहे आजाद ने कहा, “इसलिये खेद के साथ और बेहद भारी मन से मैंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ अपने करीब 50 सालों के संबंध को खत्म करने का फैसला किया है। मैं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता सहित सभी पदों से त्यागपत्र देता हूं ।
उन्होंने पार्टी में संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया को ‘धोखा’ करार देते हुए कहा कि देश में कहीं भी, पार्टी में किसी भी स्तर पर चुनाव संपन्न नहीं हुए।
आजाद ने सोनिया को लिखे पत्र में कहा कि 24 अकबर रोड में बैठे AICC के चुने हुए पदाधिकारियों को AICC का संचालन करने वाले छोटे समूह की तरफ से तैयार की गई लिस्ट पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया।
उन्होंने कहा कि बूथ, ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर कहीं भी मतदाता सूची प्रकाशित नहीं की गई। उन्होंने कहा कि पार्टी के साथ बड़े पैमाने पर धोखे के लिए नेतृत्व पूरी तरह से जिम्मेदार है।
आजाद ने कहा कि क्या भारत की आजादी के 75वें साल में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लिए यह उपयुक्त है। यह सवाल AICC नेतृत्व को खुद से पूछना चाहिए ।
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उन्होंने कहा कि पार्टी को ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से पहले ‘कांग्रेस जोड़ो यात्रा’ निकालनी चाहिए थी। आजाद ने कहा कि दुर्भाग्य से कांग्रेस में स्थिति इस स्तर पर पहुंच गई है कि वापसी का रास्ता नहीं दिख रहा ।
उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी की कमजोरियों पर ध्यान दिलाने के लिए पत्र लिखने वाले 23 नेताओं को अपशब्द कहे गए। उन्हें अपमानित किया गया। नीचा दिखाया गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी की कमजोरियों पर ध्यान दिलाने के लिए पत्र लिखने वाले 23 नेताओं को अपशब्द कहे गए। उन्हें अपमानित किया गया। नीचा दिखाया गया।
इससे पहले,
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने आज,शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे(Ghulam-Nabi-Azad-resigns-from-Congress) दिया और अंतत: कांग्रेस छोड़ दी।
आपको बता दें कि कि काफी लंबे समय से गुलाम नबी आजाद(Ghulam-Nabi-Azad)कांग्रेस से नाराज चल रहे थे।
गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस(Congress)की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी(Sonia Gandhi)को चिट्ठी लिखकर पार्टी के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देते हुए राहुल गांधी पर हमला बोला(write-a-letter-Sonia-Gandhi-attack-on-Rahul-Gandhi)है।
कांग्रेस से इस्तीफा देते हुए गुलाम नबी आजाद(Ghulam-Nabi-Azad-resigns-from-Congress)ने राहुल गांधी(Rahul Gandhi)पर जमकर भड़ास निकाली और आरोप लगाया कि उनका व्यवहार बचकाना है।
आजाद ने इस संबंध में सोनिया गांधी को चिट्ठी भी लिखी है, जिसमें राहुल गांधी पर हमला बोला गया है।
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उन्होंने इस खत में राहुल पर बचकाने व्यवहार का आरोप लगाया और कांग्रेस की ‘खस्ता हालात’ और में 2014 लोकसभा चुनाव में हार के लिए राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराया है।
सोनिया गांधी को लिखी गई 5 पेज की चिट्ठी में गुलाम नबी आजाद ने लिखा(Ghulam-Nabi-Azad-resigns-from-Congress-write-a-letter-Sonia-Gandhi-attack-on-Rahul-Gandhi)है, जनवरी 2013 में राहुल गांधी को आपके द्वारा कांग्रेस उपाध्यक्ष बनाया गया, उसके बाद पार्टी में मौजूद सलाह-मशविरे के सिस्टम को उन्होंने खत्म कर दिया।
सभी वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं को साइडलाइन कर दिया गया और बिना अनुभव वाले चाटुकारों की मंडली पार्टी को चलाने लगी।
Congress leader Ghulam Nabi Azad severs all ties with Congress Party pic.twitter.com/RuVvRqGSj5
— ANI (@ANI) August 26, 2022
वह कांग्रेस के नाराज नेताओं के जी 23 गुट में शामिल थे। जी -23 गुट कांग्रेस में लगातार बदलाव की मांग करता रहा है। इससे पहले कांग्रेस के नेता कपिल सिबब्ल ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। उन्हें सपा ने राज्यसभा भी भेजा है।
इससे पहले गुलाम नबी आजाद ने जम्मू-कश्मीर कांग्रेस की प्रचार समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया(Ghulam-Nabi-Azad-resigns-from-Congress)था।
उन्हें उसी दिन इस पद पर नियुक्त किया गया था। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति के सदस्यता से भी त्यागपत्र दे दिया था।
गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे पर कांग्रेस के मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने कहा है कि उनका इस्तीफा दुर्भाग्यपूर्ण है और ऐसे समय में जब श्री राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस भारत जोड़ो यात्रा शुरु करने जा रही है और महंगाई का मुद्दा जोर-शोर से मिलकर उठा रही है तब वरिष्ठ नेता कांग्रेस का साथ छोड़ रहे है और इस मुहिम का हिस्सा नहीं बनना चाहते।
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गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे पर विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों की राय है कि कांग्रेस में पुराने नेता और नए नेताओं के बीच टकराव बना हुआ है।ये पुराने नेता जिन्हें पार्टी ने आज तक बहुत कुछ दिया चाहते है कि अब भी उन्हें ही राज्यसभा और उच्च पदों पर टिकट दिया जाएँ,
जबकि वक्त की मांग को देखते हुए कांग्रेस पार्टी को भी नए नेताओं को ऊपर उठाने की जरूरत है,जिन्हें आगे बढ़ाने पर ये लोग नाराज हो जाते है।इसके कारण लगातार कांग्रेस कमजोर होती जा रही है।
बुरे वक्त में पार्टी के साथ मजबूती से खड़े रहने और अपनी राजनीतिक महत्वकांक्षा को दरकिनार करने की जगह ये लोग अपने राजनीतिक भविष्य के लिए पार्टी छोड़ रहे है।
अजय माकन ने कहा जब कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता और संगठन,महंगाई और देश के मुद्दों पर लड़ रहे है तब गुलाम नबी आजाद जैसे वरिष्ठ लोग पार्टी छोड़ रहे है।
सूत्रों के अनुसार, बीते काफी समय से गुलाम नबी आजाद की नजदीकियां पीएम मोदी के साथ देखी जा रही थी और वह सिर्फ मौके की तलाश में थे।
उन्होंने पार्टी लाइन से अलग होकर पीएम मोदी द्वारा दिए गए पुरस्कार को स्वीकार भी किया था।
भले ही इनकी पार्टी में राहुल गांधी से नाराजगी मुद्दो पर हो सकती है लेकिन भाजपा से नजदीकियां इनकी राजनीतिक महत्वकांक्षा को दर्शाती है।
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( इनपुट एजेंसी से भी )
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